स्मार्ट भारत के निर्माण में युवाओं की भूमिका
स्मार्ट भारत के निर्माण में युवाओं की भूमिका प्रस्तावना:- किसी भी देश का विकास उसके संसाधनों पर निर्भर करता हैं, चाहे वह प्राकृतिक हो या कृत्रिम । संसाधन कई प्रकारों में विभक्त होते हैं। यथा-जल संसाधन, खनिज संसाधन । इसी प्रकार मानव भी किसी देश का संसाधन होता हैं। जिसे मानव संसाधन कहते हैं। इसी कारण मानव संसाधन की शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर विभिन्न सरकारें योजनाएं बनाती हैं। मानव संसाधनों में युवाओं की प्रमुख भूमिका होती हैं। युवा शक्ति और ऊर्जा से भरपुर होते हैं। भारत में युवा आबादी:- आज विश्व की लगभग 17% जनसंख्या भारत में निवास करती हैं। जिसमें से लगभग 40%, 13 वर्ष से 35 वर्ष की आयु के हैं। विचारकों का मानना हैं कि भारत जनसांख्यिकी लाभांश की अवस्था से गुजर रहा हैं। ऐसी स्थिति में भारत के युवाओं के शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर निवेश करना आवश्यक हो जाता हैं। स्मार्ट भारत के निर्माण का माध्यमः *. डिजीटल साक्षरताः- तकनीकी युगीन समय में डिजीटल साक्षरता अनिवार्य बनता कौशल हैं। सम्पूर्ण विश्व जब प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से डिजीटली जुड़ रहा हैं तब भारत को भी विश्व के साथ-साथ अपनी क्षमताओं का विकास करना चाहिये। *. नये विचार ः- युवा आबादी सामान्यतः विद्रोही विचारों एवं प्रगतिशील विचारों से ओत प्रोत रहती हैं जिन्हें सही दिशा दिखाने पर वे जनकल्याण युक्त नवीन कार्यों को क्रियान्वित कर सकती हैं। उदा. मार्क जुगरबर्ग - फेसबुक । *. स्टार्ट अपइको सिस्टम:- भारत में लगभग 420 मिलियन युवा आबादी हैं। ऐसे में इतनी विशाल जनसंख्या को नौकरी दे पाना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं हैं। इसीलिये भारत में स्टार्ट अप इकों सिस्टम पर कार्यक्रमों में गति आवश्यक हैं ताकि युवा अपनी शिक्षा और कौशल से भारत को स्मार्ट भारत बनाने में अपना योगदान दे सकें। *. शैक्षणिक योग्यता :- शिक्षा, जीवन को पूर्णता प्रदान करती हैं। इसीलिये युवा पीढ़ी को शिक्षा के क्षेत्र में अद्यतन रखना एवं साक्षर रखना किसी भी देश के लिए परम् आवश्यक हैं। उपसंहार:- देश की युवा आबादी देश की तरक्की और विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उनका योगदान आर्थिक शैक्षिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में देश को आगे बढ़ाने में मदद करता है। युवा आबादी की ऊर्जा और प्रतिभा का सहीं दिशा में उपयोग करके देश अपने सपनों को पूरा कर सकता हैं।

