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चाय पर कविता

Hello friends in this video we are going to learn poem on tea in hindi.

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Poem written by Roshan supare

9/25/20241 min read

चाय पर कविता
चाय पर कविता

Mऐसी है चाय....!!!

सुबह की शुरुआत होती तुझसे है, लगती प्यारी और अच्छी सी है। किसी की है सुबह की चुस्की तु, किसी की शाम की प्याली है।

तु है चाय नहीं अकेलेपन का साथी है, तु साथ होने से मिल जाती माफ़ी है।

तु है बस चाय नहीं चाह है तु उसकी, जिसको न समझ आती राह किस्मत की।

तु चाय नहीं, उबाल हैं पानी और चायपत्ती का, जिसमें लेता भाग जब दुध हैं लगता है स्वादिष्ट

सा।

तु है रानी बहानों की,

मिला देती राह दोस्ती की। जब न होती बात कोई करने को, तब पुकारा जाता है तुम्हारी प्याली को ।

आता है सुकून लौट कर,

जब आती हो तुम कप भर कर ।

जब पूछता कोई चाय के लिए, ओ ना पूछता बस चाय के लिए वो पूछता है

क्या बांटना चाहोगे, चीनी सी मीठी यादें, चायपत्ती सी कड़वी दुःख भरी बातें ।

तेरी महक ही इतनी काफ़ी है, भुल जाते हैं मेरा शौक़ तो कॉफी है।

तेरा शौक़ हर किसी को रास न आता, हर Aspirant का साथ जो निभाता ।

चाह कर भी साथ छोर नहीं पाता,

छोड़कर भी फिर तुझे ही अपनाता....