रक्षाबंधन पर निबंध
रक्षाबंधन पर निबंध :- त्यौहार हर किसी के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, मुख्यतः इसलिए क्योंकि हम अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों से एक साथ मिलते हैं। इन्हीं त्योहारों में से प्रमुख त्यौहार है रक्षाबन्धन रक्षाबंधन[ भारतीय धर्म संस्कृति के अनुसार रक्षाबन्धन का त्योहार श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है।| रक्षाबंधन दो शब्दों से मिलकर बना है रक्षा + बंधन | रक्षा का मतलब सुरक्षा और बंधन का मतलब बाध्य है। सामान्यतः रक्षाबंधन भाई बहन के रिश्ते का प्रसिद्ध त्योहार है | रक्षाबंधन के दिन प्रात: काल भाई-बहन स्नान करके भगवान की पूजा करते हैं | इसके बाद बहनें रोली, अक्षत, कुमकुम एवं दीप जलाकर थाल सजाती हैं। इस थाल में रंग-बिरंगी राखियों को रखकर उसकी पूजा करती हैं। बहनें भाइयों के माथे पर कुमकुम एवं अक्षत से तिलक करती हैं।इसके बाद बहन भाई की दाईं कलाई पर रेशम की डोरी से बनी राखी बांधती हैं और मिठाई से भाई का मुंह मीठा कराती हैं। राखी बंधवाने के बाद भाई बहन को रक्षा का आशीर्वाद एवं उपहार व धन देते हैं। बहनें राखी बांधते समय भाई की लम्बी उम्र, सुखी जीवन तथा उन्नति की कामना करती हैं। रक्षाबंधन को लेकर वैसे तो कई कहानियां प्रचलित है लेकिन हम एक प्रचलित कहानी के बारे में जानते हैं एक बार भगवान श्रीकृष्ण के हाथ में चोट लग गई तथा खून की धार बह निकली। द्रौपदीने तत्काल अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर श्रीकृष्ण के हाथ में बांध दिया फलस्वरूप खून बहना बंद हो गया। कुछ समय पश्चात जब दुःशासन ने द्रौपदी की चीरहरण किया तब श्रीकृष्ण ने चीर बढ़ाकर इस बंधन का उपकार चुकाया। यह प्रसंग भी रक्षाबंधन की महत्ता प्रतिपादित करता है | रक्षाबंधन के पूर्व में परस्पर एक दूसरे की रक्षा और सहयोग की भावना निहित हैं आज यह त्यौहार हमारी संस्कृति की पहचान हैं और हर भारतवासी को इस त्यौहार पर गर्व हैं |